प्रेमानंद जी महाराज का संदेश – सुबह उठते ही अगर ये कर लिया… तो  सच में भगवान साथ चलने लगते हैं

सुबह जब आंख खुलती है, तो सबसे पहले हम किसे याद करते हैं?

इस सवाल को प्रेमानंद जी महाराज ने अपने एक प्रवचन में सबके सामने रखा।
हज़ारों श्रद्धालु शांत बैठे थे… और उन्होंने बस इतना कहा —

“आंख खुलते ही क्या भगवान याद आते हैं?”

बहुतों ने माना – हम सुबह उठते ही मोबाइल देखते हैं,
मैसेज चेक करते हैं, दिन की चिंता में डूब जाते हैं…
लेकिन उस दिन, उनके शब्दों ने जैसे आत्मा को झकझोर दिया।


किसी ने कहा,
“हम सुबह बिस्तर में पड़े-पड़े सोचते हैं — ‘ज़िंदगी कितनी थकी हुई है…’ लेकिन उस दिन उनके शब्दों ने दिल को हिला कर रख दिया।”

“भगवान को सुबह सबसे पहले याद करना क्यों ज़रूरी है?”

प्रेमानंद जी महाराज समझाते हैं:

“जिसकी सुबह भगवान से शुरू होती है, उसकी शाम चिंता से नहीं ढलती ।”

कई श्रद्धालु प्रेरित होकर सुबह उठते ही राम का नाम लेने लगे।
ना कोई विशेष विधि, ना लंबा मंत्र —
बस आंख खुलते ही दो पल के लिए आंखें बंद करके कहना:  “जय श्रीराम”

अंदर ऐसा हलकापन महसूस होता है… जैसे कोई अदृश्य शक्ति साथ चल रही हो।

परम पूज्य परम आदरनीय श्री प्रेमानंद जी महाराज चित्र।

एक अम्मा की कहानी

महाराज जी ने प्रवचन में एक अम्मा की बात सुनाई —
जो अकेली रहती थीं, लेकिन हर सुबह उठते ही ज़ोर से कहतीं:

“राम! मेरा दिन तेरे हवाले।”

उनका कोई बेटा-बेटी नहीं था,
फिर भी मोहल्ले के बच्चे कहते —
“अम्मा के घर में भगवान रहते हैं।”

अनुभव क्या कहते हैं?

तनाव में कमी

दिन की शुरुआत शांत और सकारात्मक

गुस्सा और चिड़चिड़ापन घटता है

जीवन में आत्मविश्वास आता है

एक युवक ने कहा:

“दिनभर सब उल्टा हुआ… पर भीतर की शांति बनी रही। क्योंकि सुबह प्रभु को याद किया था।”

अब क्या करें?

मंदिर जाना ज़रूरी नहीं

लंबी पूजा भी ज़रूरी नहीं

बस सुबह उठते ही दिल से भगवान का नाम लेना शुरू करें

बस एक बार,
प्रेम से … सच्चे मन से…

परम पूज्य परम आदरनीय श्री प्रेमानंद जी महाराज फूल चढ़ाते हुए।

प्रश्न जो अक्सर पूछे जाते हैं (और प्रेमानंद जी के उत्तर)

Q 1 : नहाए बिना भगवान को याद करना ठीक है?

बिल्कुल ठीक है।
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं —“भगवान मन से जुड़ते हैं, शरीर से नहीं।”

Q 2 : अगर भूल गए सुबह नाम लेना?

जब याद आए, तुरंत ले लें।
भगवान इंतज़ार करते हैं, नाराज़ नहीं होते।

Q 3 : क्या इससे सच में फर्क पड़ता है?

हाँ। सैकड़ों भक्तों ने अनुभव किया है कि यह छोटी सी आदत, जीवन को भीतर से बदल देती है।

Q 4 : क्या मोबाइल पर राम का वीडियो देखना भी चलेगा?

Mobile distraction ज़्यादा लाता है।
सबसे अच्छा है – आंखें बंद करके मन से राम का नाम लो।

दिन की शुरुआत भगवान से करें

हर इंसान चाहता है कि कोई उसका साथ दे।
और आज की दुनिया में, अकेलापन सबसे बड़ी तकलीफ बन चुका है।

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं —

“भगवान दूर नहीं हैं… बस सुबह उनके नाम से शुरुआत करो।”। तो आज से शुरुआत करें।
एक पल, एक नाम, एक जुड़ाव –
फिर देखिए भगवान कैसे हर पल साथ रहते हैं।

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