ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर भीषण जंगल की आग ने भारी तबाही मचाई है।
2025 के जुलाई महीने में लगी यह आग अब तक की सबसे तेज़ और खतरनाक आगों में से एक मानी जा रही है।
हज़ारों लोग बेघर हो चुके हैं, दर्जनों कस्बों को खाली कराया गया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहायता अभियान तेज़ी से चल रहा है।आग कहां और कैसे फैली?
आग कहां और कैसे फैली?
ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड राज्यों में तापमान असामान्य रूप से बढ़ा हुआ है।
सूखे जंगल और तेज़ हवाओं के कारण आग ने बहुत तेज़ी से फैलाव लिया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 5,000 से ज़्यादा घर पूरी तरह जल चुके हैं और हजारों हेक्टेयर जंगल नष्ट हो चुका है।
राहत और बचाव अभियान
स्थानीय प्रशासन, सेना और अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर बचाव कार्य में लगी हैं।
हेलिकॉप्टर से पानी गिराया जा रहा है, ज़मीन पर फायर ब्रिगेड लगातार सक्रिय है।

“यह आग अब तक की सबसे भीषण है, हम हर सेकंड लोगों की जान बचाने के लिए लड़ रहे हैं।” — एक ऑस्ट्रेलियन फायर फाइटर
दुनिया भर से मदद
भारत, अमेरिका, जर्मनी, और जापान ने ऑस्ट्रेलिया को राहत सामग्री और आर्थिक सहायता भेजी है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इसे “ग्लोबल इमरजेंसी” घोषित किया है।
जलवायु परिवर्तन पर बहस फिर से तेज हो गई है।
क्या है कारण?
लगातार बढ़ता ग्लोबल वार्मिंग
बारिश की कमी
मानवीय गतिविधियों से जंगलों में सूखापन बढ़ना
इन सभी कारणों ने मिलकर आग की गति और तीव्रता को बढ़ाया।
जनजीवन पर असर
स्कूल बंद
बिजली-पानी की सप्लाई ठप

हजारों लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर
कई छोटे उद्योग भी पूरी तरह जलकर खाक
ऑस्ट्रेलिया की यह भीषण आग सिर्फ एक देश की समस्या नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है।
जलवायु परिवर्तन को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
जरूरत है कि हर देश, हर नागरिक इस मुद्दे को गंभीरता से ले और सतत विकास की ओर बढ़े।
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