कई लोग सोचते हैं कि किराना (grocery) दुकान से सिर्फ गुजारा किया जा सकता है। लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं ऐसी एक सच्ची देसी कहानी, जिसमें एक सामान्य दुकानदार ने छोटे से व्यापार को करोड़ों का कारोबार बना दिया।
शुरुआत – एक छोटी दुकान और बड़ा सपना
साल 2012 में उत्तर प्रदेश के एक छोटे गांव में रमेश यादव ने अपने घर के सामने 10×10 की एक किराना दुकान खोली। शुरुआत में सिर्फ रोज़ाना की चीज़ें बेचते थे – साबुन, तेल, चावल और मसाले।

वो कहते हैं, “मेरे पास पैसे नहीं थे, लेकिन भरोसा था कि मेहनत से बहुत कुछ संभव है।”
बदलाव की शुरुआत – सोच में आया नया मोड़
2017 में रमेश जी ने देखा कि लोग बड़ी दुकानों की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने अपने किराना स्टोर को बदला:
दुकान को साफ़ और व्यवस्थित रखा
कार्ड से पेमेंट और होम डिलीवरी शुरू की
मोबाइल ऐप्स से प्रोडक्ट मंगवाने लगे
सोशल मीडिया पर ग्राहकों से जुड़ना शुरू किया
यही छोटे बदलाव बने बड़े मुनाफे की नींव।

2020 में बड़ा विस्तार
Lockdown में जहां बहुत से दुकानदार परेशान थे, रमेश जी ने WhatsApp और Phone Orders से दिन का ₹15,000 से ज्यादा कमाना शुरू कर दिया। फिर उन्होंने अपना दूसरा स्टोर खोला।
2024 तक उनके पास:
5 किराना स्टोर
12 से ज्यादा कर्मचारी
₹3 करोड़ सालाना टर्नओवर
सीख – क्या आप भी कर सकते हैं?
हां। इस कहानी से ये सीख मिलती है:
ग्राहक की सुविधा सबसे बड़ी चीज़ है
डिजिटल साधनों को अपनाएं

छोटा सोचने की गलती न करें
हर दिन थोड़ा बेहतर बनने की कोशिश करें
किराना दुकान भी करोड़ों का बिजनेस बन सकता है, बस ज़रूरत है सही सोच, स्मार्ट काम और लगातार सुधार की। देसी बिजनेस में अब बड़ा सोचने का समय है।
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