गाँव के बच्चों को शहर जैसी शिक्षा क्यों नहीं मिलती? एक माँ का दर्दनाक सवाल

अगर आपके बच्चे का सपना डॉक्टर या अफसर बनना हो, लेकिन स्कूल में पढ़ाने वाला टीचर ही न हो… तो आप क्या करेंगे?

सोचिए आप एक माँ हैं, आपके बच्चे का सपना है कि वो बड़ा होकर कुछ बने। लेकिन गाँव के सरकारी स्कूल में ना टीचर है, ना लाइब्रेरी, और ना ही इंटरनेट।

उसी समय शहर का बच्चा AC रूम में बैठकर ऑनलाइन क्लास कर रहा है।

क्या दोनों बच्चों के सपने बराबर हैं?
क्या पढ़ाई का हक़ सिर्फ शहरों में रहने वालों को है?

इस सवाल से हज़ारों गाँव की माँओं का दिल रोज़ भर आता है।

गाँव और शहर की शिक्षा में इतना फर्क क्यों है?

गाँव में स्कूल हैं, लेकिन उनमें शिक्षक नहीं हैं

किताबें आती हैं, लेकिन समय पर नहीं मिलतीं

बिजली और इंटरनेट की सुविधा अब भी सपना है

टीचर्स आते भी हैं, तो कभी-कभी

बच्चे पढ़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन गाइडेंस नहीं है

यह फर्क किसी एक दिन में नहीं बना — यह सिस्टम की अनदेखी का नतीजा है।

शहर के बच्चे क्यों आगे निकल जाते हैं?

उन्हें मिलता है अच्छा स्कूल, गाइडेंस और माहौल

शहरों में कोचिंग, लैपटॉप, मोबाइल सबकुछ आसानी से मिलता है

वहाँ समय पर परीक्षा, कंप्यूटर लैब, इंग्लिश स्पीकिंग क्लासेस हैं

बच्चे अपना सपना देखने से नहीं डरते

गाँव के बच्चों के सपने अधूरे क्यों रह जाते हैं?

हर दिन एक बच्चा सपना देखता है — पुलिस बनने का, डॉक्टर बनने का, लेकिन…

स्कूल दूर है, तो बच्चा पैदल जाता है

कोई समझाने वाला नहीं होता, तो वो रुक जाता है

आर्थिक स्थिति भी उसका आत्मविश्वास तोड़ देती है

कभी-कभी परिवार को लगता है कि पढ़ाई व्यर्थ है

इन बच्चों को खुद से नहीं, हालात से लड़ना पड़ता है।

क्या इसका कोई हल नहीं है?

है, बिल्कुल है — लेकिन इरादा चाहिए।

गाँव के स्कूलों में टेक्नोलॉजी पहुँचानी होगी

हर स्कूल में कम से कम दो नियमित शिक्षक हों

बच्चों के लिए स्कॉलरशिप, मेंटरशिप और प्रेरणा कार्यक्रम हों

माता-पिता को भी समझाया जाए कि शिक्षा ही असली पूंजी है

एक माँ की उम्मीद

एक माँ चाहती है कि उसका बच्चा भी कह सके —
“मुझे पढ़ने दो, मैं भी कुछ बन सकता हूँ।”

उस माँ को सरकार से नहीं, समाज से उम्मीद है —
कि कोई तो होगा जो कहेगा —
“गाँव का बच्चा भी चमक सकता है, अगर उसे मौका मिले!”

FAQs:

Q1: क्या गाँव में सरकारी स्कूल पर्याप्त हैं?
स्कूल तो हैं, लेकिन संसाधन और स्टाफ की कमी बहुत है।

Q2: क्या सभी गाँवों में इंटरनेट और डिजिटल शिक्षा पहुंची है?
नहीं, अभी भी कई जगहों पर नेटवर्क और बिजली की कमी है।

Q3: क्या सरकार कुछ कर रही है इस दिशा में?
कुछ योजनाएं हैं, लेकिन उनका ज़मीन पर असर बहुत कम है।

Q4: क्या गाँव का बच्चा भी UPSC, NEET, JEE निकाल सकता है?
हाँ, अगर उसे सही गाइडेंस और संसाधन मिलें तो ज़रूर!

Q5: हम आम लोग क्या कर सकते हैं?
स्थानीय स्कूलों में मदद करें, किताबें दें, या बच्चों को पढ़ाएं। छोटी कोशिशें बड़ा बदलाव ला सकती हैं।

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